भाजपा से नाराज चल रहीं पंकजा मुंडे को बड़ा झटका, मिला 19 करोड़ का GST नोटिस

BJP से नाराज पंकजा मुंडे को लगा बड़ा झटका, मिला 19 करोड़ का GST नोटिस

पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंकजा मुंडे को बड़ा झटका लगा है।

पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंकजा मुंडे को बड़ा झटका लगा है। उनकी वैद्यनाथ शुगर फैक्ट्री को 19 करोड़ रुपये की जीएसटी का नोटिस थमाया गया है। इसके अलावा उनकी फैक्ट्री की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है।

वहीं, पंकजा मुंडे ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी फैक्ट्री वित्तीय संकट से जूझ रही थी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि करीब 9 फैक्ट्रियों को केंद्र की तरफ से सहायता दी गई पर उनकी फेक्ट्री को इस लिस्ट से बाहर रखा गया। वरना आज शुगर मिल इस स्थिति में ना पहुंची होती।

पंकजा मुंडे ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरी फैक्ट्रियों ने भी वित्तीय मदद के लिए आवेदन किया था। उन्हें सहकारिता विभाग से मदद मिली लेकिन उनकी फैक्ट्री की मदद नहीं की गई। उन्होंने कहा, “नोटिस में जो रकम लिखी गई है उसमें ब्याज भी लगाया गया है। कुछ महीने पहले ही ये सारी प्रक्रियाएं शुरू हुई थीं और हम प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि सूखे के दौरान भी किसानों का भुगतान नहीं रोका गया। ऐसे में फैक्ट्री वित्तीय संकट में आ गई। बता दें कि शुगर मिल के नाम पर यूनियन बैंक से 1200 करोड़ रुपये का लोन भी लिया गया था जो कि चुकाना नहीं गया। बैंक ने पहले ही फैक्ट्री को सील कर दिया है। वहीं, अब जीएसटी का नोटिस भी आ गया है।

भाजपा से साइडलाइन किए जाने के सवाल पर पंकजा मुंडे ने कहा, “मैं इतनी कमजोर नहीं हूं कि इतनी आसानी से साइडलाइन किया जा सके।” जैसाकि मालूम है कि पंकजा मुंडे दिवंगत भाजपाई दिग्गज गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ने के बाद उन्हें एक तरह से साइडलाइन कर दिया गया।

साल 2019 में वह विधानसभा का चुनाव भी हार गईं। इसके बाद भाजपा में उनको और भी नजरअंदाज किया जाने लगा। पंकजा की तरफ से बोलते हुए एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि यह भाजपा है जहां नए आने वालों को आगे बढ़ाया जाता है और पुराने वफादारों को साइडलाइन कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पूर्व महाविकास अघाड़ी की सरकार ने मुंडे की मदद की थी। उधर, राज्य में भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इ तरह के नोटिस प्रशासन के लिए आम मामले हैं और अगर कोई गड़बड़ी नहीं हुई है तो प्रतिक्रिया देने पर आदेश वापस ले लिए जाते हैं।