महिला आरक्षण बिल लोकसभा में हुआ पास, पर चर्चाओं में असदुद्दीन ओवैसी

महिला आरक्षण बिल लोकसभा में हुआ पास, पर चर्चाओं में असदुद्दीन ओवैसी

लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया। मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। बिल के पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े।

लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया। मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। बिल के पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। अब इसे आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में जेपी नड्डा बहस की शुरुआत करेंगे। बीजेपी की तरफ से 14 महिला सांसद इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगी।

राज्यसभा से बिल पास होने के बाद उसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास साइन के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। महिला आरक्षण बिल नई संसद के लोकसभा में पास हुआ पहला बिल है। महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा।

लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।

कल बिल के समर्थन में 454 जबकि विरोध में दो वोट पड़े। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से वोटिंग कराई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में वोट किया।

ओवैसी ने कहा कि संसद में कम प्रतिनिधित्व वाली ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को कोई कोटा क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं इस कानून का विरोध करता हूं…। विधेयक के लिए जो औचित्य दिया जा रहा है वह यह है कि अधिक महिलाएं संसद में निर्वाचित होंगी। यदि यही औचित्य है, तो उस औचित्य को ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं तक क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है।

AIMIM प्रमुख ने कहा क‍ि हम जानते हैं कि मुस्लिम महिलाएं आबादी का 7 प्रतिशत है, लेकिन इस लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व केवल 0.7 प्रतिशत है। ओवैसी ने कहा क‍ि केन्‍द्र सरकार सवर्ण महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। वह ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा में 690 महिला सांसद चुनी गई हैं और उनमें से केवल 25 मुस्लिम समुदाय से आई हैं। उन्होंने कहा क‍ि मैंने सुना है कि धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता? 1950 का राष्ट्रपति आदेश क्या है? इस आरक्षण में आरक्षण से इनकार करके आप मुस्लिम महिलाओं को धोखा दे रहे हैं।

उधर, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि परिसीमन को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है। परिसीमन के सेक्शन 8 और 9 में ये कहा गया है कि संख्या देकर ही निर्धारण होता है। इन तकनीकी चीजों में हम जाएंगे तो आप चाहते हैं कि ये बिल फंस जाए, लेकिन हम इस बिल को फंसने नहीं देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि महिला आरक्षण का विषय हॉरिजोन्टल भी है और वर्टिकल भी है। अब तुरंत तो परिसीमन, जनगणना नहीं हो सकती, आप कह रहे हैं कि तुरंत दे दीजिए।