सोनिया गांधी ने किया महिला आरक्षण का समर्थन, पर मांगा कोटे में कोटा

सोनिया गांधी ने किया महिला आरक्षण का समर्थन, पर मांगा कोटे में कोटा

नई संसद में आज कार्यवाही का दूसरा दिन है। आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पेश किया था।

नई संसद में आज कार्यवाही का दूसरा दिन है। आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पेश किया था। इस पर चर्चा के लिए सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक 7 घंटे का समय तय किया गया है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस की ओर से अपनी बात रखी।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि वह इस बिल के समर्थन में खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है। उन्होंने हमेशा भलाई के लिए काम किया है। स्त्री ने सिर्फ जन्म ही नहीं दिया बल्कि सोचने लायक शक्तिशाली बनाया है। सोनिया गांधी ने कहा कि यह बिल कांग्रेस की देन है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण राजीव गांधी का सपना था।

सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा, “कांग्रेस महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है। पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे। आज उसी का नतीजा है, कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुईं महिला नेता हैं।”

उन्होंने कहा, “राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है। मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है। 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का ये इंतजार हो। “

सोनिया गांधी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “हमारी मांग है कि ये बिल तुरंत पास किया जाए। लेकिन जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार को इसे पूरा करने के लिए जो कदम उठाने की जरूरत है, उसे उठाने चाहिए। इस बिल में देरी नहीं करना महिलाओं के लिए अन्याय होगा।”

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”पहले ही राज्यसभा में 2010 में हमने (महिला आरक्षण बिल) पास किया है, लोकसभा में किसी कारण बिल पास नहीं हुआ। यह कोई नया विधेयक नहीं है। मेरा अंदाज़ा है कि ये लोग चुनाव की दृष्टि से ऐसा बोल रहे हैं, लेकिन इन्होंने कहा है जनगणना, परिसीमन होने के बाद सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया जाएगा इसमें समय लगेगा, जो विधेयक राज्यसभा में पास हुआ था ये उसे आगे बढ़ा सकते थे लेकिन इनकी मंशा कुछ और है। हम महिला आरक्षण बिल के पक्ष में हैं लेकिन जो कमियां हैं उन्हें दुरुस्त करना चाहिए।”