संसद सत्र शुरू, PM मोदी ने कहा- रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए...

संसद का विशेष सत्र शुरू, PM मोदी ने कहा- रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए

आज से संसद का पांच दिवसीय स्पेशल सत्र शुरू हो रहा है। सत्र के दौरान कुल आठ विधेयक पेश किए जाएंगे। पहले दिन यानी आज सोमवार को आजादी के बाद 75 साल की उपलब्धियों पर चर्चा की जाएगी।

आज से संसद का पांच दिवसीय स्पेशल सत्र शुरू हो रहा है। सत्र के दौरान कुल आठ विधेयक पेश किए जाएंगे। पहले दिन यानी आज सोमवार को आजादी के बाद 75 साल की उपलब्धियों पर चर्चा की जाएगी। और साथ ही संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं दूसरे दिन यानी कल मंगलवार सुबह सभी सांसदों को ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया है।

लेकिन जिस तरह से सरकार ने अचानक सत्र बुलाया है उससे कयास लग रहे हैं कि वह कुछ सरप्राइज भी दे सकती है। वहीं विपक्ष ने मांग की है कि पांच दिवसीय सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर पारित किया जाए। नए संसद भवन में सरकार के विधायी कार्यों की शुरुआत 20 सितंबर से होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्र की शुरुआत होने के मौके पर संसद भवन पहुंचे। उन्होंने विशेष सत्र से पहले मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने चंद्रयान- 3 और जी-20 की सफलता का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, “मून मिशन की सफलता चंद्रयान-3, हमारा तिरंगा फहरा रहा है। शिव शक्ति प्वाइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है। तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है।”

उन्होंने कहा, “जी-20 में भारत इस बात के लिए हमेशा गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और जी-20 में सर्वसम्मति से डिक्लेरेशन ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य के संकेत दे रही हैं।”

हालांकि, उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, “ये सत्र छोटा जरूर है, लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों का ये सत्र है। ये सत्र की एक विशेषता ये तो है कि आप 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से आरंभ हो रही है। जिस मुकाम पर 75 साल की यात्रा थी। प्रेरक पल है। अब नए स्थान पर उस यात्रा को आगे बढ़ाते हुए नये संकल्प, नया विश्वास और समय सीमा में 2047 तक देश को विकसित देश बनाना है।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “2047 में देश को विकसित बनाकर रहना है। अब जितने भी नए फैसले होने हैं, वे नए संसद भवन में होने हैं। अनेक प्रकार से ये महत्वपूर्ण ये सत्र है। मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है, ज्यादा से ज्यादा समय उनका मिले, उत्साह और उमंग के वातावरण में मिले। रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए। कुछ समय ऐसे होते हैं, जो विश्वास से भर देते हैं। पुरानी बुराइयों को छोड़कर और नए सदन में प्रवेश करने की उमंग और अच्छाइयों के साथ आगे बढ़ना है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”कल गणेश चतुर्थी पर हम नई संसद में जाएंगे। भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ भी कहा जाता है, अब देश के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी। निर्विघ्न रूप से सारे संकल्प भारत परिपूर्ण करेगा’। संसद का यह सत्र भले ही छोटा हो, लेकिन इसका दायरा ऐतिहासिक है”