संसद में कांग्रेस का हमला, कहा- देश में वन पार्टी डिक्टेटरशिप लाने की कोशिश में है भाजपा

संसद में कांग्रेस का हमला, कहा- देश में वन पार्टी डिक्टेटरशिप लाना चाहती है भाजपा

आज से संसद का पांच दिवसीय स्पेशल सत्र शुरू हो गया है। एक तरफ आज जहां लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन और राजनीतिक इतिहास के बारे में बात की।

आज से संसद का पांच दिवसीय स्पेशल सत्र शुरू हो गया है। एक तरफ आज जहां लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन और राजनीतिक इतिहास के बारे में बात की। वहीं, दूसरी तरफ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने 70 सालों पर कांग्रेस पूछे जा रहे सवालों का जवाब दिया। साथ ही उन्होंने सरकार को राजनीति का तरीका बदलने की सलाह दी।

राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत को बहुत कम आंका था, लेकिन देश लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में विजयी होकर उभरा। उन्होंने कहा, “हमने जब 1950 में लोकतंत्र को अपनाया, तो कई विदेशी लोगों ने सोचा कि यहां लोकतंत्र असफल हो जाएगा, क्योंकि यहां साक्षरता की बहुत कमी है।” इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, “जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल ने यह तक कह दिया था कि अगर ब्रिटिश भारत से चले जाएंगे, तो यहां न्यायपालिका, स्वास्थ्य सेवाएं, रेलवे और उनकी तरफ से शुरू किए हुए काम पूरी तरह तबाह हो जाएंगे। सिस्टम तबाह हो जाएगा। उन्होंने हमें बहुत कम आंका। हमने लोकतंत्र को बरकरार रख उन लोगों को गलत साबित कर दिया। हमने इसे मजबूत किया और सुरक्षित रखा। आप पूछते हैं कि आमने 70 सालों में क्या किया? हमने 70 सालों में ये किया।”

उन्होंने सदन में एक बार फिर मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद के बाहर भाषण देने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत कई बार बहस हुई है। खास बात है कि मॉनसून सत्र के दौरान भी विपक्ष लगातार पीएम मोदी के सदन में आकर मणिपुर मुद्दे पर बयान देने की मांग कर रहा था।

उधर, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कामों का जिक्र किया। उन्होंने सदन में संसदीय लोकतंत्र स्थापित करने के लिए नेहरू के योगदान को याद किया। उन्होंने याद किया कि कैसे जब नेहरू अपने बोलने की समय सीमा पार कर लेते थे, तो स्पीकर बेल बजा देते थे।

इतना ही नहीं उन्होंने हिंदुत्व पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये हिंदुत्व क्या होता है, हिदुत्व में चार वेद हैं, लाखों भगवान हैं, 18 उपनिषद हैं। दो एपिक हैं… ये जब वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं तो उसका मतलब क्या है- सबकी चिंताओं को शामिल करना चाहिए, यही तो हम कहते हैं।

अधीर रंजन चौधरी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में वन पार्टी डिक्टेटरशिप लाने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और मणिपुर जल रहे हैं। हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। अभी बहुत कुछ करना बाकी रह गया है। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह 75 साल का अमृतकाल कहां से लाया गया इसका मुझे पता नहीं है। आज जब पता चला कि आज इस संसद भवन का अंतिम दिवस है तो भावुक होना स्वाभाविक है। कितने ही ज्ञानियों ने देश के लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए योगदान दिए होंगे। हमारे बहुत सारे पूर्वज दुनिया छोड़कर चले गए, उनको भी हम याद करते रहेंगे।