विशाल भारद्वाज ने कहा- आलसी आदमी हूं, मुझे अपना सेटिंग ढूंढ़ना पड़ता है

विशाल भारद्वाज ने कहा- आलसी आदमी हूं, मुझे अपना सेटिंग ढूंढ़ना पड़ता है

बॉलीवुड डायरेक्टर विशाल भारद्वाज का इंडस्ट्री के बदलते ट्रेंड में बहुत बड़ा योगदान रहा है। विशाल ने ओमकारा, मकबूल, हैदर जैसी फिल्मों के जरिए अपना नया जॉनर बनाया है।

बॉलीवुड डायरेक्टर विशाल भारद्वाज का इंडस्ट्री के बदलते ट्रेंड में बहुत बड़ा योगदान रहा है। विशाल ने ओमकारा, मकबूल, हैदर जैसी फिल्मों के जरिए अपना नया जॉनर बनाया है। इन दिनों उनकी सीरीज चार्ली चोपड़ा की खूब चर्चा है। अडॉप्टेशन में माहिर विशाल की यह सीरीज भी अगाथा क्रिस्टी की एक नॉवेल पर आधारित है।

मकबूल, ओमकारा, हैदर जैसी फिल्में बना चुके विशाल भारद्वाज का झुकाव हमेशा से अडॉप्टेशन को लेकर रहा है। इस पर विशाल से जब हमने उनके अडॉप्टेशन को लेकर प्यार पर जानना चाहा, तो जवाब में वे कहते हैं, उसमें बनी बनाई कहानी मिल जाती है। मुझे बस अपना सेटिंग ढूंढ़ना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि किरदारों को अपना बनाना पड़ता है। इतना सारा कुछ लिखा हुआ है। इतनी बेहतरीन कहानियां हैं। मुझे जो काम अच्छा आता है, मैं उस पर फोकस करता हूं। मैं अच्छा डायरेक्ट कर लेता हूं, मुझे कहानियां अडैप्ट करना अच्छा जाता है, स्क्रिप्ट अच्छी लिख लेता हूं, डायलॉग्स भी अच्छे लिख लेता हूं। इसलिए अडैप्टेशन कर काम मेरा आसान हो जाता है। मैं थोड़ा आलसी आदमी हूं।

विशाल कहते हैं कि एक हू डन इट एक जॉनर है, जिसमें एक हत्या हो जाती है। उस जगह बहुत सारे सस्पेक्ट मौजूद होते हैं और उन्हीं में से किसी ने मारा होता है। ये जॉनर मुझे हमेशा से दिलचस्प लगता है। इस जॉनर की जो क्वीन हैं, अगाथा क्रिस्टी। उनकी कहानियां मुझे हमेशा से दिलचस्प लगी हैं। ये उन्हीं का इजाद किया हुआ जॉनर है। बचपन से मैंने उनकी कहानियां पढ़ी हैं। मैं उनका फैन रहा हूं। कभी सोचा नहीं था कि मैं उनके काम को यूं इस तरह से अपने साथ जोड़ सकूंगा।

अगर विशाल इस सीरीज को फिल्म का रूप देते, तो कास्टिंग कैसी होती? इसके जवाब में विशाल कहते हैं, मैं इन्हीं कास्ट के साथ ही फिल्म बनाता। मुझे ये कास्टिंग सटीक लगते हैं। मेरी खुशनसीबी है कि बहुत कम वक्त में ही सभी एक्टर्स ने फिल्म के लिए हामी भर दी थी। मैं अगर फ्यूचर में इस पर फिल्म बनाऊंगा, तो ये ही एक्टर्स होंगे।