स्कूल नहीं गए तो कट जाएगा नाम, बिहार सरकार का नया फरमान

बिहार में 13 सितंबर तक 1 लाख 1 हजार 86 बच्चों का नाम स्कूल से कटा

बिहार के सरकारी विद्यालयों में पिछले कुछ दिनों में एक लाख से अधिक छात्रों का नाम काट दिया गया है। यह कदम एक से अधिक जगहों पर छात्रों का नामांकन होने के चलते उठाया है...

बिहार के सरकारी विद्यालयों में पिछले कुछ दिनों में एक लाख से अधिक छात्रों का नाम काट दिया गया है। यह कदम एक से अधिक जगहों पर छात्रों का नामांकन होने के चलते उठाया है ताकि नामांकन डुप्लीकेसी की परंपरा को खत्म किया जा सके। सबसे अधिक नाम पश्चिम चंपारण और अररिया जिले में काटे गए हैं। इन जिलों में करीब 10 -10 हजार बच्चों का नाम काटा गया है।

अगर राजधानी पटना की बात करें तो यहां सात हजार छात्रों का नाम काटा गया है जिसमें 4000 छात्र ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में से आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, माध्यमिक उच्च माध्यमिक की अपेक्षा प्राथमिक विद्यालयों में अधिक बच्चों का नाम काटा है इनमें सबसे अधिक 14875 में और 14299 चौथी कक्षा के छात्र हैं।

दरअसल, कई जगहों से नामांकन का मकसद योजनाओं का गलत फायदा उठाया होता जिसे सरकार रोकना चाहती है।जिन छात्रों का नाम काटा गया है वह एक साथ सरकारी और निजी विद्यालयों में दाखिले लिए हुए हैं। शिक्षा विभाग की ओर जिलों को निर्देश दिया है कि लगातार तीन दिनों तक विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों की वे नोटिस ले। उनके अभिभावक से बात करें। और बच्चों को विद्यालय आने के लिए कहें।

अगर उसके बाद भी छात्र 15 दिनों तक विद्यालय नहीं आते हैं तो ऐसे बच्चों का नामांकन काट दिया जाए। शिक्षा विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, 13 सितंबर तक 1 लाख 1 हजार 86 बच्चों का नाम काट दिया गया है। हालांकि इस आंकड़े में तीन से चार जिलों के नाम शामिल नहीं है। इस तरह कुल मिलाकर यह आंकड़ा कुछ और बढ़ भी सकता है। यह सभी ऐसे बच्चे हैं जिनका नाम सितंबर महीने में ही काटा गया है।

विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने 2 सितंबर को जिलाधिकरियो को निर्देश जारी किया था और कहा था कि 15 दिनों तक विद्यालय में अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द कर दिया जाए। अगर कोई छात्र तीन दिनों तक लगातार उपस्थित नहीं है तो उसे प्रधानाध्यापक के द्वारा नोटिस जारी किया जाए।

मामले को लेकर जिला अधिकारियों को निर्देश था कि संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह भी कहा गया था कि विद्यार्थी की ट्रैकिंग की जाए और इस बात की जानकारी ली जाए कि उसका एक ही साथ दो विद्यालयों में नामांकन तो नहीं कर दिया गया है।