निपाह वायरस का कहर, केरल में बांग्लादेश वेरिएंट के बाद दो दिनों तक शिक्षा संस्‍थान बंद

निपाह वायरस का कहर, केरल में बांग्लादेश वेरिएंट के बाद दो दिनों तक शिक्षा संस्‍थान बंद

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के बांग्लादेश वेरिएंट का तेजी से फैलने की खबर है। राज्य में वायरस का 5वां मामला बुधवार को रिपोर्ट किया गया है।

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के बांग्लादेश वेरिएंट का तेजी से फैलने की खबर है। राज्य में वायरस का 5वां मामला बुधवार को रिपोर्ट किया गया है। इसके बाद कोझिकोड जिले में सभी शिक्षा संस्‍थानों को अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। ताजा मामले में यहां एक स्वास्थ्यकर्मी का परीक्षण पॉजिटिव आया है।

उम्‍मीद जताई जा रही है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर संक्रमित लोगों के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज आज उपलब्ध करा दी जाएगी। केरल में निपाह के मामले आने के बाद कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले को अलर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस से जिले में प्रवेश करने वाले मालवाहक वाहनों की जांच के लिए सीमा बिंदुओं पर चेकपोस्ट खोलने को कहा है। पुलिस को केरल से राज्य में प्रवेश करने वाले फलों की जांच करने का निर्देश दिया गया है।

कोझिकोड जिले में छुट्टी की घोषणा कलेक्टर ए. गीता ने की। उन्‍होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अगले दो दिन स्‍कूल बंद रहेंगे। शैक्षणिक संस्थान छात्रों के लिए दो दिनों में ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर सकते हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय परीक्षा कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। मौजूदा वक्‍त में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ही निपाह वायरस संक्रमण का एकमात्र इलाज उपलब्‍ध है।

हालांकि, यह अभी तक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध नहीं हो पाया है। निपाह वायरस की चपेट में पहले आया नौ साल का बच्‍चा काफी गंभीर स्थिति में है। द हिंदू अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके संपर्क में आए 60 लोगों का पता लगा लिया गया है। इसी तर्ज पर कोझिकोड के मारुथोंकारा के एक 47 वर्षीय व्यक्ति के 371 संपर्क चिकित्सा निगरानी में हैं।

वहीं, केरल के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने बताया कि लड़का कोझिकोड के एक अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। हमने ICMR (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के साथ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का ऑर्डर दिया है और इसे जल्द ही कोझिकोड लाया जाएगा। आयात की गई ये दवा आईसीएमआर के पास पहले से ही उपलब्ध है।

दरअसल, निपाह एक जूनोटिक वायरस है जो संक्रमित जानवरों या दूषित भोजन से मनुष्यों में फैल सकता है। फिर यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में संचारित हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी शामिल हैं। इसके गंभीर मामलों में मस्तिष्क की सूजन आ जाती है, जिससे मनुष्य की मृत्यु तक हो जाती है।