पटना विश्वविद्यालय के व्हीलर सीनेट हॉल का नाम बदला, सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर मुहर

पटना विश्वविद्यालय के व्हीलर सीनेट हॉल का नाम बदला, सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर मुहर

बिहार के पटना विश्वविद्यालय के व्हीलर सीनेट हॉल का नाम बदलकर अब लोकनायक जय प्रकाश नारायण हॉल कर दिया गया है। कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में....

बिहार के पटना विश्वविद्यालय के व्हीलर सीनेट हॉल का नाम बदलकर अब लोकनायक जय प्रकाश नारायण हॉल कर दिया गया है। कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में सोमवार को सिंडिकेट की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से इसके प्रस्ताव पर मुहर लग गया।

जानकारी के लिए बता दें कि एक समय ऐसा था जब विश्वविद्यालय के छात्रों और संकाय सदस्यों के समक्ष जगदीश चंद्र बोस, सर सी.वी. रमन, मेघनाद साहा, सत्येन्द्र नाथ बोस और सिसिर कुमार मित्रा जैसे महान प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले संबोधन से हॉल गुंजायमान हुआ करता था।

पटना विश्वविद्यालय के व्हीलर सीनेट हॉल में ही महान बंगाली कवि रवींद्रनाथ टैगोर को सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार जीतने के तुरंत बाद 17 मार्च 1936 को सम्मानित किया गया था। उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन राज्यपाल सचिवालय से विश्वविद्यालय को नाम बदलने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था।

इसी पत्र के आलोक में सोमवार को सिंडिकेट की बैठक हुई। इसमें नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। प्रस्ताव को सीनेट से पास कराकर अब कुलाधिपति के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलते ही लोक नायक जय प्रकाश नारायण हॉल के नाम का शिलपट्ट लग जाएगा। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस नव सौंद्धीर्यकरण हॉल का 5 सितंबर को उद्घघाटन किया था।

दरअसल, व्हीलर सीनेट हॉल पटना विश्वविद्यालय का एक सम्मेलन केंद्र है। पूर्वी भारत के लोगों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के क्षेत्र में अन्य इमारतों की तुलना में कम भूमिका नहीं निभाई। 75 से अधिक वर्षों से इसने इस क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्कों को आकार दिया है।

व्हीलर सीनेट हॉल का निर्माण सम्मेलनों, परीक्षाओं, विश्वविद्यालय की बैठकों और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियां हुईं। व्हीलर हॉल एक शानदार विशाल संरचना है जिसे एक नए विश्वविद्यालय की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए बनाया गया है। लॉर्ड माउंटबेटन और सरोजिनी नायडू जैसे लोगों ने यहां दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।

व्हीलर सीनेट हॉल का निर्माण 1925 में शुरू हुआ था। 20 मार्च 1926 को उद्घाटन हुआ था। निर्माण पर 1.75 लाख रुपये खर्च हुआ था। मुंगेर के राजा देवकी नंदन प्रसाद सिंह ने राशि दी गई थी। बिहार और ओडिशा प्रांत के राज्यपाल और चांसलर सर हेनरी व्हीलर के नाम पर नाम रखा गया था। इसके निर्माण से पहले, पटना विश्वविद्यालय में बैठक, दीक्षांत समारोह वगैरह के लिए उचित सुविधाओं की कमी थी। अब इसमें पांच सौ लोगों के बैठने की जगह है।