भ्रष्ट नेताओं को BJP नेता का ऑफर, कहा- ED-CBI से बचना है तो मुझसे संपर्क करो

भ्रष्ट नेताओं को BJP नेता का ऑफर, कहा- ED-CBI से बचना है तो मुझसे संपर्क करो

अनुपम हाजरा के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने सोमवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) के समन से डरने वाले ‘भ्रष्ट’ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं को भाजपा में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क करना चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने सोमवार को यह कहकर हंगामा खड़ा कर दिया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) के समन से डरने वाले ‘भ्रष्ट’ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं को भाजपा में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क करना चाहिए। हालांकि, भाजपा की राज्य इकाई ने हाजरा की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है।

जब विवाद बढ़ा तो अनुपम हाजरा ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया। इस पर सत्तारूढ़ टीएमसी ने कहा कि भाजपा ‘वॉशिंग मशीन’ बन गई है और अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही।

दरअसल, हाजरा ने ये टिप्पणी बीरभूम जिले के बोलपुर में पार्टी की एक संगठनात्मक बैठक में की थी, जिसका एक वीडियो सोमवार को वायरल हो गया। उन्होंने कहा, “जो टीएमसी नेता सोने के कंगन और चेन पहनकर खुले घूम रहे हैं, वे आशंकित हैं कि उन्हें सीबीआई या ईडी से समन मिल सकता है। मैं इस मंच से उनसे कहना चाहता हूं कि उन्हें तुरंत भ्रष्ट आचरण बंद कर देना चाहिए।”

अनुपम हाजरा ने कहा, “आप मेरे फेसबुक पेज पर जा सकते हैं और मुझसे संपर्क कर सकते हैं। यदि आपको भाजपा में शामिल होने के लिए बात करने में हिचक है तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं और मुझे अपनी इच्छा बता सकते हैं। हम देखेंगे कि दल आपकी सेवाओं का उपयोग कैसे कर सकता है।”

उधर, भाजपा के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, “राज्य इकाई भ्रष्ट नेताओं को शामिल करने के संबंध में उनके विचारों से सहमत नहीं है, न ही हम इस प्रथा का पालन करते हैं। बाकी उन्होंने जो कहा, उस पर टिप्पणी करना केंद्रीय नेतृत्व का काम है।”

टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने हाजरा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम लंबे समय से कह रहे हैं कि भाजपा एक ‘वॉशिंग मशीन’ बन गई है, जहां सभी दागी नेता भाजपा में शामिल होते ही ‘साधु’ बन जाते हैं। अब यह साबित हो गया है कि भाजपा केवल दागी नेताओं को शामिल करने में रुचि रखती है।