फिर भड़की मणिपुर में हिंसा, गोलीबारी में कुकी-जो समुदाय के 3 लोगों की मौत

फिर भड़की मणिपुर में हिंसा, गोलीबारी में कुकी-जो समुदाय के 3 लोगों की मौत

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में फिर से गोलीबारी हुई है। आज मंगलवार सुबह हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है।

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में फिर से गोलीबारी हुई है। आज मंगलवार सुबह हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है। बीबीसी ने कांगपोकपी पुलिस के एक सूत्र के हवाले से खबर दी है कि प्रारंभिक तौर पर यह घात लगाकर किया गया हमला प्रतीत होता है। इस हमले में मारे गए लोग कुकी-जो समुदाय के बताए गए हैं।

स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना मंगलवार सुबह करीब 7 बजे हुई, जब तीन ग्रामीण एक वाहन में यात्रा कर रहे थे और उन पर कांगपोकपी जिले के इरेंग नागा गांव के पास हमला किया गया। राज्य में पिछले चार महीनों से बार-बार हो रही हिंसा में मरने वालों की संख्या अब 200 के करीब हो गई है।

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने मरने वालों की पहचान लहंगकिचोई गांव के सातनेओ तुबोई, नगामिनलुन ल्हौवम और नगामिनलुन किपगेन के रूप में की है। इससे पहले पिछले शुक्रवार को पल्लेल इलाके में भारी गोलीबारी के बाद कम से कम दो लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। घायल लोगों में एक असम राइफल्स और तीन मणिपुर पुलिस के जवान भी शामिल थे।

एक बयान में आदिवासी एकता समिति ने चेतावनी दी कि निर्दोष कुकी-जो ग्रामीणों की ऐसी निर्मम हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए आदिवासी समिति ने कहा, ”सरकार ऐसे नापाक और खून के प्यासे तत्वों को अपनी नाक के नीचे दिनदहाड़े हमले और आगजनी करने की इजाजत कैसे दे सकती है?”

उन्होंने आगे कहा कि समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि वे तुरंत सभी घाटी जिलों को सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्र घोषित करें। मणिपुर में 3 मई से जारी जातीय हिंसा को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में सेना समेत 40 हजार से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात किया जा चुका है पर पहाड़ी ज़िलों में लगातार हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं।