लालू का हमला, कहा- संवैधानिक संस्थाओं को समाप्त करने पर तुली है मोदी सरकार

लालू यादव का संघ पर हमला, कहा- आरक्षण के खिलाफ हैं RSS प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने दावा किया है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण के खिलाफ हैं।

राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने दावा किया है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण के खिलाफ हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा, “गुरु गोलवलकर ने अपनी किताब ‘बंच ऑफ थॉट’ में जो कुछ भी उल्लेख किया है, मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी वही कर रहे हैं। वे आरक्षण के खिलाफ हैं।”

दरअसल, लालू प्रसाद ने गुरुवार की शाम जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण से प्रार्थना करने के लिए यहां बांके बिहारी मंदिर गए। वहीं, लालू ने इंडिया गठबंधन को लेकर कहा, “हमने इंडिया गठबंधन बनाया है और हम लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे। राम और रहीम के लिए भगवान एक हैं। हमारे भगवान भगवान कृष्ण हैं। मैं बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर गया। देश में शांति के लिए प्रार्थना की। मैं भगवान शिव की पूजा करने के लिए सोमवार को देवघर जा रहा हूं।”

आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इससे पहले आरक्षण मामले पर भागवत की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ही थे, जिन्होंने देश में आरक्षण खत्म करने की वकालत की थी। उधर, मोहन भागवत की ओर आरक्षण का समर्थन किए जाने के बाद आरजेडी नेता और सांसद मनोज झा ने गुरुवार को कहा कि उन्हें सरकार से जाति आधारित जनगणना की खातिर सहमत होने के लिए कहना चाहिए।

दरअसल, मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक भेदभाव बना हुआ है। संविधान में प्रदत्त आरक्षण का हम संघवाले पूरा समर्थन करते हैं। मनोज झा ने कहा कि वे गोलवलकर (पूर्व आरएसएस प्रमुख एमएस गोलवरकर) के अनुयायी हैं, लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने कम से कम संविधान के अनुसार सोचना शुरू कर दिया है। उन्होंने आरएसएस का जिक्र करते हुए कहा कि वे खुद को सामाजिक संगठन कहते हैं, लेकिन वे एक राजनीतिक संगठन हैं और वे सरकार चलाते हैं…आप जाति आधारित जनगणना पर चुप क्यों हैं?

राजद नेता ने आग कहा कि आरएसएस प्रमुख भागवत को सरकार से जाति आधारित जनगणना कराने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार से कहें कि वह जाति आधारित जनगणना के लिए सहमत हो। अन्यथा आपने जो कहा है वह सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए जुबानी जमाखर्च है। कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी और समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने जाति आधारित जनगणना कराने का समर्थन किया है।