एबॉट कंपनी ने अपनी लोकप्रिय एंटासिड डाइजीन जेल के कई बैच वापस लिए

एबॉट कंपनी ने अपनी लोकप्रिय एंटासिड डाइजीन जेल के कई बैच वापस लिए

दवा निर्माता एबॉट इंडिया ने लोकप्रिय एंटासिड डाइजीन जेल के कई बैचों को स्वेच्छा से वापस ले लिया है। यह कदम ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से उत्पाद के खिलाफ जारी की गई एक परामर्श के बाद उठाया गया है।

दवा निर्माता कंपनी एबॉट इंडिया ने लोकप्रिय एंटासिड डाइजीन जेल के कई बैचों को स्वेच्छा से वापस ले लिया है। यह कदम ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से उत्पाद के खिलाफ जारी की गई एक परामर्श के बाद उठाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीजीआई ने लोगों से कहा था कि वे इस दवा का सेवन न करें क्योंकि यह असुरक्षित हो सकता है। इसने लोगों से यह भी कहा था कि वे अगर कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने आए, तो उसके बारे में बताएं।

डीजीसीआई ने कहा, “मरीज डाइजीन जेल का इस्तेमाल बंद कर दें जिसका निर्माण गोवा इकाई में हुआ है।” औषधि प्राधिकरण ने केमिस्ट और थोक विक्रेताओं से इसकी बिक्री रोकने के लिए भी कहा था। डीसीजीआई ने 9 अगस्त को एक शिकायत मिलने के बाद उत्पाद की जांच की थी। शिकायत में कहा गया था कि एंटासिड से कड़वा स्वाद और तीक्ष्ण गंध आ रही थी।

एबॉट के प्रवक्ता ने कंपनी के फैसले के बारे में मीडिया को बताया कि एबॉट इंडिया ने स्वाद और गंध को लेकर ग्राहकों की अलग-अलग शिकायतों के कारण स्वेच्छा से अपनी गोवा इकाई पर निर्मित डाइजीन जेल एंटासिड दवा को वापस ले लिया है। किसी रोगी के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। डाइजीन के अन्य रूप, जैसे टेबलेट और स्टिक पैक, इस फैसले से प्रभावित नहीं हैं और हमारे अन्य उत्पादन स्थल पर निर्मित डाइजीन जेल भी प्रभावित नहीं है और मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगा।।

दरअसल, डाइजीन जेल एपएचपीएल द्वारा निर्मित एक जेल है जिसका सेवन गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग, सीने में जलन और गैस से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इस दवा का सेवन करने से पेट की एसिडिटी को कंट्रोल किया जाता है, छाती और गले की जलन से राहत मिलती है।

जनसत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोग इस दवाई के इतने आदी हो चुके हैं कि सीने में हल्की-सी भी तकलीफ होने पर वे इसे एक या दो चम्मच लेने से गुरेज नहीं करते। उन्हें कोई परेशानी नहीं भी हो तो भी वो इस जेल का सेवन करते हैं। डाइजीन जेल को लेकर सरकार ने लोगों को चेतावनी दी है कि इस जेल का सेवन धड़ल्ले से नहीं करें। अगर आप भी डाइजीन का रेगुलर सेवन करते हैं तो सरकार ने इस जेल के बारे में कुछ नए दिशा निर्देश जारी किए हैं उनके बारे में जरूर जान लीजिए।

डाइजीन जेल एक लोकप्रिय एंटासिड है जिसके बारे में सोचे बिना ही लोग इसका सेवन कर लेते है। हालांकि, इस लोकप्रिय दवा को लेकर सरकार ने चेतावनी दी है। डाइजीन जेल के बैचेस को इसकी मूल कंपनी एबॉट इंडिया ने वापस बुला लिया है। यह निर्णय तब लिया गया है जब दवा नियामक संस्था डीजीसीआई द्वारा इस जेल के खराब स्वाद और गंध की शिकायतें मिली।

सरकार ने शिकायत मिलने के बाद इस दवा के सेवन पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। डाइजीन का गुलाबी रंग और इसका स्वाद मीठा होता है। जबकि डाइजीन की जिस बोतल की बात की जा रही है वह सफेद रंग की होती है, उसका स्वाद कड़वा था और उसमें तीखी गंध आती है।

डीजीसीआई ने लोगों को अलर्ट किया है कि गोवा फैसिलिटी में निर्मित इस दवा का सेवन करना बंद कर दें। डीजीसीआई ने अलर्ट में कहा है कि मरीजों को डाइजीन जेल का सेवन करना बंद करना होगा। सरकार ने चेतावनी दी है कि ये दवाई सेहत के लिए असुरक्षित हो सकती है और इसके उपयोग से सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

हालांकि, एबॉट के प्रवक्ता ने बयान जारी कर बताया है कि भारत में एबॉट ने स्वाद और गंध पर ग्राहकों की अलग-अलग शिकायतों मिलने के बाद डाइजीन जेल एंटासिड दवा को वापस ले लिया है। जबकि इसके सेवन से सेहत को होने वाले किसी तरह के नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली है।

अगर आप रेगुलर इस दवाई का सेवन करते हैं तो इसका असर दिमाग पर, आंखों पर, स्किन एलर्जी और मल पर भी देखने को मिलता है। डाइजीन जेल को तैयार करने में एल्युमीनियम हाइड्रॉक्साइड, मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड, सिमेथिकोन, सोडियम कार्बोक्सी मिथाइल सेलुलोज लवण शामिल होते हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आपभी डाइजीन का रेगुलर सेवन करते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।