जारी हुआ GDP का आंकड़ा, पहली तिमाही में 7.8% रही इकोनॉमी की रफ्तार

जारी हुआ GDP का आंकड़ा, पहली तिमाही में 7.8% रही इकोनॉमी की रफ्तार

भारत की ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 7.8 प्रतिशत रही। गुरुवार को सरकार की तरफ से यह आंकड़ा जारी किया गया है।

भारत की ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 7.8 प्रतिशत रही। गुरुवार को सरकार की तरफ से यह आंकड़ा जारी किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहेगी।

अपनी रिपोर्ट में आरबीआई ने पहली तिमाही के दौरान इंडिया की जीडीपी 8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। दूसरी तरफ, IMF का अनुमान है कि इस साल इंडिया की इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रहेगी।

जुलाई का महीना कोर सेक्टर ग्रोथ के लिए अच्छा नहीं रहा है। जुलाई में इसमें गिरावट देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई के महीने में कोर सेक्टर ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत रही। एक साल पहले इसी महीने में कोर सेक्टर की ग्रोथ 4.8 प्रतिशत थी। बता दें, चालू वित्त वर्ष के जून महीने में आठ बुनियादी उद्योगों की ग्रोथ रेट 8.3 प्रतिशत थी।

चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 6.06 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे का यह 33.9 प्रतिशत है। गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे की गिरावट के साथ 82.79 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर घेरलू करेंसी पर पड़ा। तमाम एनालिस्ट उम्मीद कर रहे थे कि जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था। मतलब पहली तिमाही में ग्रोथ रेट रिजर्व बैंक के अनुमान से कुछ कम रही है।

रिजर्व बैंक के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की चारों तिमाहियों में क्रमश: 8 फीसदी, 6.5 फीसदी, 6 फीसदी और 5.7 फीसदी रह सकती है। इस तरह आरबीआई ने पूरे चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी की ग्रोथ रेट का अनुमान जाहिर किया है।

कई एजेंसियां हाल-फिलहाल में भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित कर चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पहले 2023 के लिए ग्रोथ रेट 5.9 फीसदी रहने का अनुमान दिया था, जिसे उसने बाद में सुधारकर 6.1 फीसदी किया था। आईएमएफ ने 2024 में ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। फिच रेटिंग ने भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.3 फीसदी किया था।