नीतीश ने BJP के पुराने मित्रों से संपर्क साधा, मुंबई मीटिंग में आने का दिया न्योता

नीतीश ने BJP के पुराने मित्रों से संपर्क साधा, मुंबई मीटिंग में आने का दिया न्योता

इंडिया गठबंधन मुंबई में अपनी तीसरी मीटिंग की तैयारी में जुटा है। लालू यादव पहले ही बिसात बिछाने के लिए मुंबई रवाना हो गए। पटना के पहली मीटिंग में 18 दल इस गठबंधन में शामिल हुए थे।

इंडिया गठबंधन मुंबई में होने वाली अपनी तीसरी मीटिंग की तैयारियों में जुटा है। लालू यादव पहले ही बिसात बिछाने के लिए मुंबई के लिए तीन दिन पहले ही रवाना हो गए हैं। पटना के पहली मीटिंग में 18 दल इस गठबंधन में शामिल हुए थे। वहीं, जब दूसरी मीटिंग बेंगलुरु में हुई तो ये आंकड़ा बढ़कर 26 तक हो गया था।

अब इंडिया गठबंधन अपने कुनबे में विस्तार करते हुए भाजपा के पुराने साथियों को अपने कुंबे में आने को जुटा है। जिन दलों से संपर्क साधा गया है उनमें पंजाब का अकाली दल और हरियाणा का इंडियन नेशनल लोकदल यानी आईएनएलडी शामिल हैं। खबरों की माने तो कि नीतीश कुमार ने अकाली दल और इनेलो से संपर्क साधा है और उन्हें मुंबई की मीटिंग में आने का न्योता दिया है। इनेलो और अकाली दल के बीच हमेशा से अच्छे रिश्ते रहे हैं।

इनेलो और अकाली दल के बीच अच्छे रिश्ते होने की वजह ये है कि ओमप्रकाश चौटाला और बादल परिवार करीब रहे हैं। ऐसे में अकाली दल और इनेलो एक साथ ही किसी गठबंधन में जाएं तो कोई हैरानी नहीं होगी। दोनों दल पहले भी एक साथ एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं।

यही नहीं हरियाणा में भी शक्ति प्रदर्शन की तैयारी है। 25 सितंबर को चौटाला के पिता और पूर्व डिप्टी पीएम देवी लाल की जयंती है। इस मौके पर कैथल जिले में बड़े आयोजन की तैयारी है। इसमें तेजस्वी यादव और अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल भी शामिल होने वाले हैं।

नीतीश कुमार ने रविवार को कहा था कि कुछ और दल ऐसे हैं, जो मुंबई की मीटिंग में हमारे साथ होंगे। अकाली दल किसान आंदोलन के दौरान भाजपा से अलग हो गया था। यही नहीं पंजाब के विधानसभा चुनाव में भी दोनों के बीच एकता नहीं हो पाई थी। अकाली दल ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।

सुखबीर बादल और प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता भी अपनी सीटें गंवा बैठे। ऐसे में अकाली दल को भी एक साथी की जरूरत है, लेकिन इंडिया गठबंधन में वह कितना फिट हो पाएगा, यह देखने वाली बात होगी। इसकी वजह यह है कि पंजाब में उसकी लड़ाई परंपरागत रूप से कांग्रेस से रही है और अब आम आदमी पार्टी सत्ता में है। दोनों ही एनडीए में भी हैं।

ऐसे हालात में इंडिया में अकाली दल की एंट्री का पंजाब में क्या असर होगा और कैसे गठबंधन एवं सीट शेयरिंग पर बात होगी। यह मायने रखेगा। गौरतलब है कि शिवसेना और अकाली दल एनडीए के सबसे पुराने घटक दलों में से एक रहे हैं। शिवसेना का एक गुट भाजपा के संग है तो दूसरा खिलाफ है। वहीं अकाली दल अब भाजपा के साथ न जाने की बात ही कर रहा है।