मणिपुर में दो जिलों की सीमा पर हुई गोलीबारी, दो लोगों की मौत

मणिपुर में दो जिलों की सीमा पर हुई गोलीबारी, दो लोगों की मौत

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की खबर आई है। कुकी-जोमी बहुल चुराचांदपुर और मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिलों की सीमा पर मंगलवार को गोलीबारी हुई जिसमें दो लोगों की मौत हो गई।

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की खबर आई है। कुकी-जोमी बहुल चुराचांदपुर और मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिलों की सीमा पर मंगलवार को गोलीबारी हुई जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। स्थानीय खबरों मुताबिक, इन सीमावर्ती जिलों में खोइरेंटेक क्षेत्र में भारी गोलीबारी हुई, जिसमें कई दूसरे लोग भी घायल हुए हैं।

गोलीबारी की घटना वाले दिन मणिपुर विधानसभा में एक दिवसीय सत्र बुलाया गया था। लेकिन सत्र महज कुछ मिनटों के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, गोलीबारी की यह घटना सुबह करीब साढ़े 6 बजे शुरू हुई थी और देर रात तक जारी रही। घटना में मारे गए लोगों में एक की पहचान जांगमिनलुन गंगटे के रूप में की गई है। गंगटे एक ग्राम रक्षा गार्ड थे।

मणिपुर में ऐसा ही एक हिंसा 11 दिन पहले हुई है जिसमें किसी की जान गई है। इससे पहले 18 अगस्त को उखरूल थाना क्षेत्र में तीन लोग मारे गए थे। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम का कहना है कि गंगटे की मौत सुबह 10 बजे के आसपास हुई, जब खोइरेंटेक के आसपास कुकी-जोमी गांवों पर हमला हुआ।

हालांकि, चुराचांदपुर पुलिस ने कहा कि मंगलवार रात तक यह स्पष्ट नहीं था कि उनकी मौत गोली लगने से हुई या विस्फोट में हुई है। गोलीबारी की इस घटना के बाद इलाके में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों और सेना ने अभियान चलाया। हमले में शामिल होने के संदेह में एक व्यक्ति को पकड़ लिया है।

मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से चुराचांदपुर-बिष्णुपुर सीमा पर लगातार झड़पें और हिंसा देखने को मिल रही हैं। पहाड़ी ज़िले चुराचांदपुर में कुकी-ज़ोमी जनजाति लोगों का वर्चस्व है जबकि बिष्णुपुर एक मैतेई-बहुल ज़िला है। राज्य में करीब 4 महीने से चल रही हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और 60 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।