अब बिहार शिक्षा विभाग ने निकाला गेस्ट टीचर भर्ती, प्रीफैब्रिकेटेड कक्षा का होगा निर्माण

अब बिहार शिक्षा विभाग करेगा गेस्ट शिक्षकों की भर्ती, प्रीफैब्रिकेटेड कक्षा का भी है प्लान

बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में कक्षाओं और शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रीफैब्रिकेटेड कक्षा का निर्माण कराने और अतिथि शिक्षक नियुक्त करने का आदेश जारी किया है।

बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में कक्षाओं और शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रीफैब्रिकेटेड कक्षा का निर्माण कराने और अतिथि शिक्षक नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारियों की निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कई सरकारी स्कूल कक्षाओं और शिक्षकों की कमी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “नियमित निरीक्षण के कारण, राज्य भर के स्कूलों में शिक्षकों एवं छात्रों की लगभग पूरी उपस्थिति देखी जा रही है। इस अभ्यास से स्कूल के बुनियादी ढांचे में कई कमियां सामने आई हैं, खासकर कक्षाओं और शिक्षकों की कमी। शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया, “मौजूदा कक्षाओं में जगह की कमी के कारण बरामदे एवं खुले स्थानों पर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर ‘प्रीफैब कक्षाओं’ का निर्माण करने का निर्देश दिया गया है। ऐसी कक्षाओं को आवश्यकता के आधार पर बनाया जाएगा।”

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) के. के. पाठक ने राज्य भर के जिलाधिकारियों को 26 अगस्त को पत्र लिखकर नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी किया है। बिहार के सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे में पुरानी कमियों, विशेष रूप से कक्षाओं और शिक्षकों की कमी, को उनके संबंधित जिलों में जिलाधिकारियों द्वारा स्कूलों के एक जुलाई से शुरू किए गए नियमित निरीक्षण के दौरान उक्त कामियां उजागर हुई थी।

अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को काम की प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखने को कहा है। प्रीफैब कक्षाओं का निर्माण तेजी से और प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। अपने पत्र में पाठक ने कहा है, “छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति में वृद्धि से स्कूलों में शिक्षकों की कमी का भी पता चला है। हालांकि बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम चार से छह महीने का समय लगेगा। इसलिए, विभाग ने संबंधित अधिकारियों की मांग को पूरा करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर ‘अतिथि शिक्षकों’ की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है, यह निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए।”

बता दें कि इससे पहले नियमित निरीक्षण से मालूम हुआ था कि राज्य के अधिकांश प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के बोर्ड बदरंग हैं, उचित चारदीवारी के बगैर चल रहे हैं और कार्यात्मक शौचालयों की भारी कमी है। इस पर, पाठक ने 16 अगस्त को राज्य भर के जिलाधिकारियों को एक संदेश में जल्द से जल्द स्कूलों के सभी बदरंग चॉकबोर्डों पर काला पेंट लगाने और गैर-कार्यात्मक शौचालयों का रख-रखाव मनरेगा योजना के स्वच्छता मद के तहत सुनिश्चित करने के लिए कहा था। उन्होंने जिलाधिकारियों से उन स्कूलों जिनके पास चारदीवारी नहीं है, उनमें जल्द से जल्द चारदीवारी का निर्माण सुनिश्चित करने को भी कहा। जानकारी के लिए बता दें कि बिहार राज्य में 1.70 लाख शिक्षक पदों पर भर्तियां होनी हैं। ये गेस्ट टीचर भर्ती का आदेश, उन भर्तियों से अलग है।