चारा घोटाला मामले कोर्ट ने सुनाया 52 को सजा, 35 आरोपी बरी

चारा घोटाला मामले CBI कोर्ट ने सुनाया फैसला, 89 दोषी करार, 35 आरोपी बरी

रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 साल पुराने चारा घोटाला मामले में अपना फैसला सुना दिया है। दरअसल, अदालत ने 21 जुलाई को इस केस से जुड़े सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 साल पुराने चारा घोटाला मामले में अपना फैसला सुना दिया है। दरअसल, अदालत ने 21 जुलाई को इस केस से जुड़े सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में 35 लोगों को बरी कर दिया है। जबकि इस मामले में 89 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। इसमें से 52 लोगों को 3 साल से कम की सजा हुई है।

खबरों के मुताबिक, जिन आरोपियों को बारी किया गया है उनमें एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का नाम शामिल है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त बिहार के दौरान बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था। तब संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव हुआ करते थे। इस दौरान डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध तरीके से निकासी हुई थी। यह निकासी साल 1990 से 1995 के दौरान हुआ था। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत न्यायधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में बहस पूरी हुई जिसका अब आज फैसला आया है।

डोरंडा कोषागार मामले में 27 साल चली सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रविशंकर ने इस मामले में कुल 616 गवाहों का बयान दर्ज कराया है। इस मामले में तत्कालीन आपूर्तिकर्ता एवं पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी सहित 125 आरोपी फिलहाल ट्रायल फेस कर रहे हैं। ट्रायल के दौरान 62 आरोपियों का निधन हो चुका है। मामले में सीबीआई ने कुल 192 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

चारा घोटाला आरोपियों में से 38 लोक सेवक रहे हैं, जिनमें से आठ कोषागार पदाधिकारी हैं। 86 आपूर्तिकर्ता मामले में आरोपी है। आरोपियों में 16 महिलाएं भी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आरोपियों में सबसे उम्रदराज 90 वर्षीय तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ गौरी शंकर प्रसाद भी शामिल हैं। इनमें 12 से अधिक ऐसे लोग भी हैं जिनकी उम्र 80 वर्ष या इससे ज्यादा हैं।