पंजाब में भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच ठनी, राष्ट्रपति शासन लगाने की दी धमकी

पंजाब में भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच ठनी, राष्ट्रपति शासन लगाने की दी धमकी

दिल्ली की तरह पंजाब में भी केंद्र और राज्य प्रशासन के बीच तनाव शुरू हो गया है। एक तरफ राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दी...

दिल्ली की तरह पंजाब में भी केंद्र और राज्य प्रशासन के बीच तनाव शुरू हो गया है। एक तरफ राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दी; तो वहीं मुख्यमंत्री मान ने जवाब देते हुए कहा है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह हमारे नियंत्रण में है।

भगवंत मान ने कहा, “कल राज्यपाल ने पंजाब के शांतिपसंद लोगों को धमकी दी कि वह राष्ट्रपति शासन लगा देंगे। राज्यपाल ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।” उन्होंने कहा, “जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए हैं। सिर्फ अगस्त महीने में 41 किलो हेरोइन ज़ब्त की गई। अब तक 753 गैंगस्टर गिरफ्तार हुए। 786 हथियार और वाहन ज़ब्त किए गए हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।”

दरअसल, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शुक्रवार को भगवंत मान सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने और उनके पत्रों का जवाब न देने का आरोप लगाया था। बनवारीलाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर मान ने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया तो वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखेंगे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करेंगे। बनवारीलाल ने यह भी चेतावनी दी कि वह राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करेंगे।

बनवारीलाल ने पत्र में लिखा, “मैं एक अगस्त, 2023 को अपने पत्राचार के संबंध में एक बार फिर आपको पत्र लिखने के लिए बाध्य हूं। इन पत्रों के बावजूद, आपने अभी तक मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं दी है। ऐसा प्रतीत होता है कि आप जानबूझकर मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे लिखा, “मुझे यह जानकर खेद है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 167 के स्पष्ट प्रावधानों के बावजूद जो मुख्यमंत्री के लिए राज्य के मामलों के प्रशासन से संबंधित ऐसी सभी जानकारी प्रस्तुत करना अनिवार्य बनाता है, लेकिन आप मेरे द्वारा जानकारी देने में विफल रहे हैं।” उन्होंने कहा, “राज्यपाल द्वारा मांगी गई जानकारी न देना स्पष्ट रूप से उस संवैधानिक कर्तव्य का अपमान होगा जो अनुच्छेद 167 (बी) के तहत मुख्यमंत्री पर लगाया गया है।”

नशीली दवा जैसी समस्याओं पर राज्यपाल ने कहा, “मुझे पंजाब में नशीली दवाओं की बड़े पैमाने पर उपलब्धता और दुरुपयोग के बारे में विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट मिली है। यह दवाएं दुकानों में उपलब्ध हैं, एक नया चलन देखा गया है कि वे सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में बेची जा रही हैं।”

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और चंडीगढ़ पुलिस की हालिया कार्रवाई का भी बनवारीलाल ने जिक्र किया जिसमें लुधियाना में ड्रग्स बेचने वाली 66 शराब की दुकानों को सील किया गया था। उन्होंने कहा कि संसदीय स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पंजाब में हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदी है। राज्यपाल ने कहा, “ये तथ्य पंजाब में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने की ओर इशारा करते हैं। पुरोहित ने कहा, “कृपया इन दवाओं के मामले में आपके द्वारा की गई कार्रवाई से संबंधित एक रिपोर्ट तुरंत मेरे कार्यालय को भेजें।”

राज्यपाल ने पत्र में चेतावनी देते हुए लिखा है, “इससे पहले कि मैं संवैधानिक तंत्र की विफलता के बारे में अनुच्छेद 356 के तहत भारत के राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजने और आईपीसी की धारा 124 के तहत आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के बारे में निर्णय लेने जा रहा हूं, मैं आपसे पूछता हूं। मुझे ऊपर उल्लिखित मेरे पत्रों के तहत मांगी गई अपेक्षित जानकारी भेजने के साथ-साथ राज्य में नशीली दवाओं की समस्या के संबंध में आपके द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में भी जानकारी मुहैया कराएं। अन्यथा मेरे पास संविधान और कानून के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।”