ओवैसी ने पूछा- कहां है बुलडोजर, खड़गे बोले- बच्चे को पिटवाना BJP-RSS के नफरत का नतीजा

ओवैसी ने पूछा- कहां है बुलडोजर, खड़गे बोले- बच्चे को पिटवाना BJP-RSS के नफरत का नतीजा

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तृप्ता त्यागी मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मामले को लेकर निशाना साधा।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तृप्ता त्यागी मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मामले को लेकर जमकर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम लड़के के पिता ने अपने बेटे को स्कूल से निकाल लिया है और लिखित में दिया है कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। उन्हें पता है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। ओवैसी ने कहा कि लड़के के पिता को लगता है कि इससे माहौल खराब हो सकता है।

उन्होंने कहा, ”ये कौन लोग हैं जो अपने बच्चे के लिए न्याय मांग रहे एक पिता के खिलाफ माहौल खराब करेंगे? यह योगी आदित्यनाथ के शासन का अभियोग है कि लोगों को उचित प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। इसकी अधिक संभावना है कि शिक्षक को दंडित होने के बजाय उसे कोई सरकारी पुरस्कार मिलेगा।” उन्होंने कहा, ”किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 स्पष्ट है। मुजफ्फरनगर पुलिस को कार्रवाई क्यों करनी चाहिए?”

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि मुजफ्फरनगर का वीडियो पिछले 9 सालों का परिणाम है। उन्होंने कहा, “छोटे बच्चों के दिमाग में यह संदेश डाला जा रहा है कि कोई भी किसी मुस्लिम को बिना किसी गलती के मार सकता है और उसे अपमानित कर सकता है।” लोकसभा सांसद ने इस घटना पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पर भी सवाल उठाया है।

उन्होंने कहा, ”एनसीपीसीआर और एनएचआरसी वैसे तो तुरंत स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करते हैं, लेकिन यहां उन्होंने कुछ नहीं किया है। कथित तौर पर एनसीपीसीआर न्याय सुनिश्चित करने के बजाय वीडियो के वायरल होने को लेकर अधिक चिंतित है। योगी आदित्यनाथ के बुलडोज़र और ‘ठोक दो’ का क्या हुआ?”

कांग्रेस अध्यक्ष मलिका अर्जुन खड़गे ने भी इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने ट्वीट किया है- “यूपी के एक स्कूल में जिस तरह एक अध्यापिका ने धार्मिक भेदभाव कर एक बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाया है, वो BJP-RSS की नफ़रत भरी राजनीति का विचलित कर देने वाला परिणाम है। ऐसी घटनाएँ हमारी वैश्विक छवि पर कालिख पोत देती हैं। ये संविधान के ख़िलाफ़ है।”

उन्होंने आगे लिखा है- “समाज में सत्ताधारी पार्टी की विभाजनकारी सोच का ज़हर इतना घुल गया है कि एक तरफ़ एक शिक्षा देने वाली अध्यापिका, तृप्ता त्यागी बचपन से ही मज़हबी विद्वेष का पाठ पढ़ा रही है तो दूसरी तरफ़ सुरक्षा देने वाला RPF जवान, चेतन कुमार धर्म के नाम पर निर्दोषों की जान लेने पर उतारू हो जाता है। किसी भी प्रकार की धार्मिक कट्टरता व हिंसा, देश के ख़िलाफ़ है। दोषियों को बख़्शना, देश के ख़िलाफ़ अपराध है। इसकी जितनी निंदा की जाएँ कम है। इस मामले में तत्काल कठोर कार्रवाई हो और सज़ा मिलनी चाहिए, ताकि कोई और ऐसा ज़हर घोलने के पहले सौ बार सोचे।”

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा है- “मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना – एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं – उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिल कर मोहब्बत सिखानी है।”

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने वायरल वीडियो पर संज्ञान लिया है। चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर कहा, “कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। सभी से अनुरोध है कि बच्चे का वीडियो शेयर न करें। बच्चों की पहचान उजागर कर अपराध का हिस्सा न बनें।” वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि उसने घटना की जांच शुरू कर दी है। शिक्षिका की पहचान तृप्ति त्यागी के रूप में हुई है, जिसे मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव के एक प्राइवेट स्कूल के कक्षा 2 के छात्रों से मुस्लिम बच्चे को मारने के लिए कहते देखा जा सकता है।

सर्किल ऑफिसर रविशंकर ने कहा, “वायरल वीडियो की जांच की गई और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि स्कूल का काम पूरा नहीं करने पर बच्चे की पिटाई की गई। वीडियो में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां भी सुनी जा सकती हैं। हम मामले की जांच कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई की जाएगी।” उधर, पीड़ित छात्र के पिता की शिकायत पर मंसूरपुर थाने में केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने धारा 323, 504 के तहत एक्शन लिया है। इस मामले को लेकर पीड़ित छात्र ने बताया है कि मैडम ने पिटाई करवाई थी। बच्चों से कहा कि मुझे वो आके जोर जोर से मारें। वे मुझे एक घंटे तक मारते रहे।