अब शरद पवार ने अजित पवार की बगावत को बताया लोकतांत्रिक

अब शरद पवार ने अजित पवार की बगावत को बताया लोकतांत्रिक

मुंबई में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले शरद पवार ने एक चौकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने अजित पवार के बगावत को लोकतांत्रिक कदम बताया है। एनसीपी सुप्रीमो ने अपने भतीजे अजित पवार के साथ किसी भी मतभेद की खारिज कर दिया है।

मुंबई में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले शरद पवार ने एक चौकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने अजित पवार के बगावत को लोकतांत्रिक कदम बताया है। एनसीपी सुप्रीमो ने अपने भतीजे अजित पवार के साथ किसी भी तरह के मतभेद को खारिज किया है। उन्होंने कहा, ”इसमें कोई मतभेद नहीं है कि अजित पवार हमारे नेता हैं। एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है। किसी पार्टी में फूट कैसे पड़ती है? ऐसा तब होता है जब राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा समूह पार्टी से अलग हो जाता है, लेकिन आज एनसीपी में ऐसी कोई स्थिति नहीं है। हां, कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया लेकिन इसे फूट नहीं कहा जा सकता। वे लोकतंत्र में ऐसा कर सकते हैं।”

इससे पहले उनकी बेटी और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने अजित पवार गुट को लेकर बड़ा बयान दिया था। सुप्रिया सुले ने कहा था कि एनसीपी में कोई टूट नहीं हुई है। इतना ही नहीं सुले ने ये भी कहा है कि अजित पवार पार्टी के सीनियर नेता हैं, जिन्होंने अलग रुख अपनाया है। उन्होंने कहा था कि एनसीपी में टूट नहीं हुई है। बस हमारी पार्टी के कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड लिया है। हमने इस बारे में विधानसभा स्पीकर से भी शिकायत की है। अजित पवार हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने अलग स्टैंड लिया है। शरद पवार हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जयंत पाटिल प्रदेश अध्यक्ष हैं।

जैसा कि मालूम है कि अजित पवार बागी तेवर अपनाते हुए कुछ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद शरद पवार के कदम पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई हैं। उन्होंने अबी तक अपने भतीजे के खिलाफ कोई भी ठोस कानूनी कदम नहीं उठाया है।

महाराष्ट्र में जिस दिन अजित पवार सरकार में बतौर उप-मुख्यमंत्री शामिल हुए उसी दिन से शरद पवार को लेकर विपक्षी दल संशय की स्थिति में हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस पूरे सियासी प्रकरण में उनकी भी सहमति थी। कई बार इस सियासी घटना के बाद वह अपने भतीजे से मिल चुके हैं। हाल ही में एक कारोबारी के घर पर दोनों नेताओं की गुफ्त बैठक हुई थी। इसके बाद कांग्रेस ने शरद पवार से स्थिति साफ करने के लिए कहा था।

शरद पवार लगातार केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र की राजनीति में इस खबर ने सरगर्मी बढ़ा थी कि शरद पवार या उनकी बेटी को केंद्रीय कैबिने में शामिल किया जा सकता है। हालांकि सुप्रिया सुले ने ऐसे किसी भी ऑफर की बात को खारिज कर दिया था। जैसा कि मालूम है कि 2 जुलाई को अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के साथ बगावत कर दी थी और महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। जबकि उनके साथ 8 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।