राजीव गांधी के उपलब्धियों का अंत बहुत क्रूरता से किया गया: सोनिया गांधी

राजीव गांधी के उपलब्धियों का अंत बहुत क्रूरता से किया गया: सोनिया गांधी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस पार्टी की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी ने रविवार को कहा कि उन्होंने (राजीव गांधी ने) अपने छोटे से राजनीतिक करियर में अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसका अंत बेहद क्रूर तरीके से हुआ।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस पार्टी की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी ने रविवार को कहा कि उन्होंने (राजीव गांधी ने) अपने छोटे से राजनीतिक करियर में अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसका अंत बेहद क्रूर तरीके से हुआ।

सोनिया गांधी ने कल 25वें राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के राजनीतिक जीवन का अंत बहुत क्रूर तरीके से हुआ, लेकिन उन्होंने महिला सशक्तिकरण सहित हर तरह से भारत की सेवा करते हुए कम समय में अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं।

उन्होंने कहा, “वह (राजीव गांधी) देश की विविधता को लेकर संवेदनशील थे। उन्हें देश की सेवा का जितना भी समय मिला, इसमें उन्होंने अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं। वह महिला सशक्तिकरण को लेकर संकल्पित थे। उन्होंने पंचायत और नगर पालिकाओं में महिलाओं के 1/3 आरक्षण के लिए संघर्ष किया।”

सोनिया गांधी ने कहा, “यदि आज, ग्रामीण एवं शहरी निकायों में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं, तो यह राजीव गांधी की मेहनत और दूरदर्शिता से संभव हुआ।” उन्होंने आगे कहा कि तत्कलानी राजीव गांधी सरकार के दौरान ही मतदान करने की उम्र 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की गई थी।

जैसाकि मालूम है कि राजीव गांधी ने अपनी माता और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाली थी। अक्टूबर 1984 में पदभार ग्रहण करने पर वह 40 साल की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 2 दिसंबर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) के आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी।

राजस्थान में महिलाओं के लिए आवासीय संस्थान वनस्थली विद्यापीठ को 2020-21 के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने रविवार को 25वें राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया। हालांकि, सोनिया गांधी ने आगे कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और राष्ट्रीय एकता के आदर्श आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं, जब ताकतें नफ़रत, बंटवारे, कट्टरता और पूर्वाग्रह की राजनीति को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा, “उन्हें सत्ता पक्ष का भी समर्थन मिल रहा है।”

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार कार्यक्रम में सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के अन्य नेता भी शामिल हुए। पूर्व पीएम की 79वीं जयंती के मौके पर दिल्ली के जवाहर भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि राजीव गांधी भारत में मौजूद बहुरूपता की सुरक्षा और संरक्षण के समर्थक थे।

उन्होंने कहा, “वह इस तथ्य के प्रति बहुत संवेदनशील थे कि धार्मिक, जातीय, भाषाओं और संस्कृति का जश्न मनाकर ही भारत की एकता को मजबूत किया जा सकता है।” सोनिया गांधी ने इससे पहले दिल्ली में ‘वीर भूमि’ पर पूर्व प्रधान मंत्री को उनकी 79वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। सोनिया गांधी के तुरंत बाद पहुंचे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आज सुबह पूर्व प्रधानमंत्री को उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।