बिहार के 156 गांव बाढ़ की जद में, प्रशासन हुआ अलर्ट

बिहार के 156 गांव बाढ़ की जद में, प्रशासन हुआ अलर्ट

बिहार में करीब 156 गांव बाढ़ के जद में आ गया है, इसलिए प्रशासन की ओर से निगरानी को बढ़ा दिया गया है। जैसाकि मालूम है कि साल 2022 में बाढ़ के दौरान अति संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई थी।

बिहार में करीब 156 गांव बाढ़ के जद में आ गया है, इसलिए प्रशासन की ओर से निगरानी को बढ़ा दिया गया है। जैसाकि मालूम है कि साल 2022 में बाढ़ के दौरान अति संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई थी। वहीं, अब अति संवेदनशील जहगों की निदरानी को बढ़ाया गया है। इन स्थानों पर 24 घंटे निरीक्षण किया जा रहा है। सुपौल जिले में 120 गांव, सहरसा में छह और कटिहार जिले में 12 गांव बाढ़ से प्रभावित है। गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर में वाल्मिकीनगर बराज से 3.15 हजार क्युसेक पानी छोड़ा गया जिसके चलते बैकुंपुर के 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है।

मालूम हो कि गंगा व कोसी के जलस्तर में आंशिक कमी हुई है। लेकिन, दबाव बरकरार है। भागलपुर जिले में बुधवार को गंगा नदी के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की आंशिक कमी आयी है। वहीं गंगा घाटों पर पानी का तेज प्रवाह के कारण दबाव बना हुआ है। शहर के सभी गंगाघाटों पर पानी कुछ कम हुआ है। इनमें पुलघाट, श्मशान घाट, मुसहरी घाट, बूढ़ानाथ मंदिर घाट, किलाघाट और विश्वविद्यालय घाट हैं।

पटना जलसंसाधन विभाग की ओर जारी सूचना के मुताबिक, भागलपुर में 16 अगस्त को दोपहर दो बजे गंगानदी का जलस्तर घटकर 32.98 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर अपने खतरे के निशान 33.68 मीटर से फिलहाल 70 सेंटीमीटर दूर है। गंगा नदी सिर्फ भागलपुर ही नहीं, बल्कि मुंगेर, मोकामा, पटना, बक्सर, वाराणसी व प्रयागराज तक कम हो रहा है।

इधर, जिले के नवगछिया अनुमंडल होकर बहने वाली कोसी नदी के जलस्तर में आंशिक कमी हुई है। नवगछिया सीमा पर स्थित कुरसेला घाट पर कोसीनदी तीन सेंटीमीटर कम होकर 30.29 मीटर तक पहुंच गया है। इस समय कोसी नदी खतरे के निशान से 29 सेंटीमीटर ऊपर है। खगड़िया में कटाव की चपेट में आने से गांधी नगर का दो मंजिला प्राथमिक विद्यालय धाराशाही होकर नदी में समा गया।

कुछ ही देर में उच्च विद्यालय का भवन नदी में विलीन हो गया। स्कूली बच्चे और अभिभावक यह नजारा देखते रहे। इसके बाद इस घटना की सूचना जिला प्रशासन की दी गई। सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए। साथ ही मामले की जांच में जुट गए है।

जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल में हुई बारिश के बाद बिहार के हालात बिगड़ने लगे हैं। कोसी और गंडक नदी ने विकराल रुप ले लिया है। इस कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया है। सुपौल में प्रशासन लोगों से घर छोड़कर बाहर आने की अपील कर रही है। लोग अब पलायन करने को मजबूर हो गए है। कटिहार जिले के प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। महानंदा के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। गंगा नदी ने भी कई स्थानों पर विकराल रुप धारण कर लिया है।

लोगों को इन इलाकों में साफ पानी की परेशानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं, गंगा, महानंदा, कोसी, घाघरा, गंडक नदियों में यह अतिसंवेदनशील स्थल है। कोसी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से सहरसा जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश होने के चलते नेपाल के तराई क्षेत्र में कोसी नदी का भारी डिस्चार्ज होने के कारण सुपौल में पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घर आंगन में एक से दो फीट फैल चुका है।

उल्लेखनीय है कि कोसी नदी ने पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। कोसी बराज से पिछले दिनों अधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया। इस कारण सहरसा-मानसी रेलखंड के बीच कोसी और बागमती नदी तेज उफान है। रेलवे ट्रैक के पास भी नदी में तेज उफान से कटाव हो रहा है।

दूसरी तरफ, यही स्थिति होने पर रेलवे के परिचालन के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। वर्तमान में फनगो हॉल्ट के पास कोसी नदी के रेलवे ट्रैक के इर्द-गिर्द कटाव भी शुरू हो गया है। प्रशासन की ओर से इसे रोकने के लिए भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे है। इंजीनियर इसे रोकने के लिए लेयर तैयार कर रहे है। दूसरी तरफ लोगों को नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से काफी परेशानी का सामना पड़ रहा है।