विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की मिली मंजूरी, 100 शहरों में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें

विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना को मिली मंजूरी, 100 शहरों में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कारीगरों और शिल्पकारों के लिए 'विश्वकर्मा योजना' का ऐलान किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘विश्वकर्मा योजना’ का ऐलान किया था। मोदी कैबिनेट ने आज बुधवार को इस योजना को मंजूरी दे दिया। इसका पूरा नाम पीएम ‘विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ या ‘पीएम विकास योजना’ रखा गया है। यह योजना खास शैली में पारंगत स्किल्ड कामगारों के लिए होगी। ‘विश्वकर्मा योजना’ में 13 से 15 हजार करोड़ रुपये लगाए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके तहत देश के 100 शहरों में ई-बस चलाने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है। इस पर 77,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है। इस के लिए देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की जाएंगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर एक ब्रीफिंग के दौरान, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत, सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों के लिए बस संचालन का समर्थन करेगी।”

केंद्रीय कैबिनेट ने इसके साथ ही विश्वकर्मा योजना को भी मंजूरी दे दी है। दूसरी ओर, कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बुधवार को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को भी हरी झंडी दिखा दी गई है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के संचालन से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को फायदा मिलेगा।

यह योजना सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, महिलाएं और कमजोर वर्ग को लाभ पहुंचाएगी. पीएम विश्वकर्मा योजना का फायदा बढ़ई, सोनार, मूर्तिकार और कुम्हार आदि क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को मिलेगा। इसके जरिए सरकार की कोशिश शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और साथ ही उन्हें घरेलू बाजार और वैश्विक बाजार के साथ जोड़ना है।