विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव किया मंजूर

विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव किया मंजूर

विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है।

विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

प्रिविलेज कमेटी की बैठक में अधीर रंजन चौधरी ने अपना पक्ष रखा था और उसके बाद उनका निलंबन रद्द करने की मंजूरी दी गई। अधीर रंजन चौधरी को मानसून सत्र के आखिरी दिन निलंबित किया गया था। विशेषाधिकार समिति की बैठक में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनका मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं था।

विशेषाधिकार समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद सुनील सिंह ने की। विशेषाधिकार समिति से मंजूरी मिलने के बाद अब अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा जाएगा। इसके बाद ओम बिरला इस पर अपना फैसला लेंगे।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपने निलंबन को लेकर लोकसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक के बारे में पूछे जाने पर समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मुझे उम्मीद है कि फैसला जल्द आएगा। जब सभापति ने मुझे अपना पक्ष रखने का मौका दिया, मैंने स्पष्टीकरण देने की पूरी कोशिश की। मुझे लगता है कि समिति मेरा निलंबन रद्द करने के बारे में सोच रही है। समिति के नियमों के अनुसार, मैं अंदर कही गई सभी बातों का खुलासा नहीं कर सकता। अंतिम निर्णय स्पीकर के हाथ में है। निलंबन रद्द हुआ है या नहीं, जल्द ही सूचित किया जाएगा।”

जैसाकि मालूम है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कुछ टिप्पणी कर दी थी। जिस पर बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल ने आपत्ति जताई थी। प्रिविलेज कमेटी के सामने बीजेपी सांसद ने भी अपना बयान रिकॉर्ड कराया है।

सदन में ध्वनि मत से एक प्रस्ताव पास हुआ, जिसमें अधीर रंजन चौधरी को निलंबित किया गया था। इसके बाद मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था। विशेषाधिकार समिति ने 18 अगस्त को इस मामले पर विचार किया था और अधीर रंजन चौधरी को अपना पक्ष रखने के लिए 30 अगस्त को बुलाने का निर्णय लिया था।